राम शाकाहारी नहीं मांसाहारी थे: नमस्कार पाठकों जैसे-जैसे राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का दिन नजदीक आ रहा है वैसे-वैसे विवाद दास पद बयानों की भी संख्या बढ़ती जा रही है हाल ही में कई दिग्गज नेताओं ने राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा के ऊपर में और राम मंदिर के स्थापना के ऊपर में बहुत ही विवादास्पद बयान दिए हैं और इस सूची में एक और नया नाम शामिल हो गया है शरद गुट के नेता राम को शाकाहारी नहीं मांसाहारी बोल रहे हैं इनका नाम है जितेंद्र अवहाड़ उनके इस विवाद आज तक बयान के बाद उनके ऊपर FIR करने की मांग उठ रही है| गौर करने वाली बात यह है कि जैसे-जैसे राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा का दिन नजदीक आ रहा है वैसे-वैसे भड़काऊ बयानों का भी सिलसिला तेज हो गया है शायद ऐसे भड़काऊ बयान दे के नेता खुद को मीडिया के लाइमलाइट में रखना चाहते हैं और शायद खुद की रोटी सीखना चाहते हैं इसमें जनता को अब यह सोचना है कि वह कैसे इन सारी चीजों को नजरअंदाज करें और इनमें से कौन सच्चा है कौन झूठा है इसकी परख करे|
राम शाकाहारी नहीं मांसाहारी थे: कौन है जितेंद्र अवहाड़
राम शाकाहारी नहीं मांसाहारी थे: NCP (शरद गुट) के विधायक है जितेंद्र अवहाड़ यह शरद गुट में बहुत ही दिग्गज नेता है वह मुंबई के थाने इलाके में रहते हैं और यहां पर उनके नाम से FIR भी हो चुका है|
राम शाकाहारी नहीं मांसाहारी थे: क्या है मामला
दरअसल अवहाड़ ने 3 जनवरी को शिर्डी में पत्रकारों से बात करते हुए कहा था राम हमारे हैं बहू जनों के हैं भगवान राम शिकार करके खाते थे हम भी श्री राम के आदर्शों पर चल रहे हैं राम को आदर्श बताकर लोगों पर शाकाहारी खाना थोपा जा रहा है वह शिर्डी में पार्टी के 2 दिन के कार्यकर्ता शिविर में शामिल होने गए थे|
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जितेंद्र अवहाड़ के घर के बाहर प्रदर्शन
जितेंद्र अवार्ड के बयान को लेकर बुधवार देर शाम खूब हंगामा किया गया अजीत गुटके एनसीपी कार्यकर्ताओं ने थाने स्थित अभद के घर के बाहर विरोध प्रदर्शन किया वह जितेंद्र अवार्ड के घर पर भगवान राम की तस्वीर लेकर आरती करने पहुंचे थे उन्होंने जय श्री राम और जितेंद्र वहद मुर्दाबाद के नारे भी लगे वहीं भाजपा ने आभार के खिलाफ FIR दर्ज करने की बात कही है|
इस घटना के बाद जितेंद्र अवार्ड के घर के बाहर भारी संख्या में पुलिस तैनात की गई है लेकिन विवाद यहीं खत्म नहीं हुआ जैसे ही प्रदर्शनकारी वहां से गए जितेंद्र आभार के लोगों ने उसे जगह को गोमूत्र से साफ किया|
इसके बाद जितेंद्र आभार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक पर एक पोस्ट के जरिए अजीत पवार पर हमला बोला उन्होंने कहा श्री राम ने अपने भाई भारत को राजगद्दी देने के लिए 14 साल का वनवास स्वीकार किया था लेकिन भारत ने भगवान राम की चरण पादुका को सिंहासन पर रखकर शासन किया|
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यहां पिता समान चाचा (शरद पवार) को घर से बाहर निकाल दिया और वनवास पर भेज दिया गया भगवान राम अपने माता-पिता का सम्मान करते थे आपके नेता (अजित पवार) माता-पिता का अपमान कर उन्हें घर से निकाल देते हैं|
फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में शरद गुट की लड़ाई चल रही है शरद पवार ने विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर से सीपी तोड़ने वाले अजीत पवार और आठ विधायकों को आयोग घोषित करने की मांग की थी स्पीकर ने इस मुद्दे पर सुनवाई नहीं की तो शरद घुटने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है
सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को शिवसेना विधायक के मामले के साथ जोड़ दिया था अब दोनों मामले की सुनवाई साथ में हो रही है इसके अलावा अजीत पवार ने एनसीपी का सिंबल लेने के लिए चुनाव आयोग में याचिका भी दी थी चुनाव आयोग ने अभी तय नहीं किया है कि पार्टी पर किसका अधिकार होगा
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