Ramlala Pran Pratistha: मूर्ति काले रंग की शालिग्राम पत्थर से बनाई गई है जिसे कर्नाटक के मूर्तिकार अरुण योगराज ने तैयार किया है. रामलला की प्रतिमा को इस तरह से निर्मित किया गया है कि इसमें कई और प्रतिमाएं भी दिखाई दे रही है. Ramlala Pran Pratistha: 22 जनवरी 2024 को इसकी भव्यता का अनुमान संपूर्ण विश्व को भी हो जाएगा जब इसकी प्राण प्रतिष्ठा के बाद आम जनता के लिए इसके दर्शन को मान्य कर दिया जाएगा|
Ramlala Pran Pratistha: रामलला, जिसे भगवान राम के रूप में पूजा जाता है, हिन्दू धर्म में एक पूजनीय प्रतीत है और इसे भगवान विष्णु के सातवें अवतार के रूप में देखा जाता है। रामायण, एक प्राचीन हिन्दू कथा में, भगवान राम के जीवन और उनके साहसों का वर्णन करता है। राम की कहानी भारत में अत्यधिक धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखती है, और अयोध्या को भगवान राम का जन्मस्थान माना जाता है।
Ramlala Pran Pratistha: क्यों अयोध्या इतना महत्वपूर्ण है
अयोध्या के रामलला की मूर्ति लाखों हिन्दू भक्तों के लिए श्रद्धा और विश्वास का प्रतीक है। भक्त मानते हैं कि भगवान राम का जन्मस्थान राम जन्मभूमि के रूप में है, जहां पहले बाबरी मस्जिद थी। इस स्थल पर हुई विवाद ने दशकों तक कानूनी और सामाजिक तनाव उत्पन्न किया, जिसका परिणामस्वरूप 2019 में एक ऐतिहासिक सुप्रीम कोर्ट के निर्णय ने दिया कि विवादित स्थान पर राम मंदिर बनाने की अनुमति है। अयोध्या में मंदिर का निर्माण एक महत्वपूर्ण परियोजना है|
Ramlala Pran Pratistha: Ram lalla Murti
राम लला की अति सुंदर प्रतिमा की पहली तस्वीर सामने आ गई है. 22 जनवरी को श्रीराम की जिस प्रतिमा को स्थापित किया जाएगा उसकी झलक सामने आई है. हालांकि श्रीराम के भक्तों को थोड़ा और इंतजार करना पड़ेंगा क्योंकि भगवान का चेहरा व हाथ पीले वस्त्र से ढका गया है. शरीर पर श्वेत यानी सफेद रंग के वस्त्र भी लपेटे गए हैं. मूर्ति काले रंग की शालिग्राम पत्थर से बनाई गई है जिसे कर्नाटक के मूर्तिकार अरुण योगराज ने तैयार किया है. रामलला की प्रतिमा को इस तरह से निर्मित किया गया है कि इसमें कई और प्रतिमाएं भी दिखाई दे रही है.
रामलला की मूर्ति को केंद्रीय और प्रमुख विशेषता के रूप में देखा जाता है। राम का पारंपरिक रूप होगा, जिसमें उनके साथ जुड़े प्रतीत शृंगार का पालन किया जाएगा। भगवान राम को स्वरूपरूप में एक दिव्य और धार्मिक प्रतीति के रूप में दर्शाया जाएगा, जिनमें उनकी शक्ति और धर्म के प्रति प्रतिबद्धता के प्रतीक तंत्र हो सकते हैं, जैसे कि धनुष और तीर। मूर्ति में जटिल विवरण शामिल हो सकते हैं, जो मूर्तिरचना में शामिल कलाकारों और शिल्पकलाओं के कुशलता और कला कौशल को दर्शाएंगे। भक्त और वास्तुकलाकार भगवान राम के चरित्र की सार्थकता को पकड़ने का उद्देश्य रखेंगे, जिसमें वीरता, करुणा, और धर्म के प्रति भक्ति जैसी गुणों को हाइलाइट किया जाएगा। रामलला मूर्ति का निर्माण केवल एक भौतिक परियोजना नहीं है, बल्कि यह एक आध्यात्मिक और सांस्कृतिक प्रयास भी है। इस प्रक्रिया में पूजा, प्रार्थना, और अनुष्ठानों की आवश्यकता है, जिससे एक दैवी प्रतिष्ठा के निर्माण का महत्वपूर्ण हो।
Ramlala Pran Pratistha: रामलला के दसों अवतारों को दर्शाया गया
राम लला के श्यामल प्रतिमा में उकेरी गई प्रतिमाएं-भगवान विष्णु के सभी दशावतारों की प्रतिमाएं उकेरी गई हैं. मस्तक की ओर स्वस्तिक, सूर्य, चक्र, गदा, ॐ उकेरा गया है.प्रतिमा में विष्णु जी के वाहन गरुड़ देव को भी उकेरा गया है.प्रतिमा में राम भक्त हनुमान जी की मूर्ति भी उकेरी गई है.
मूर्ति के डिज़ाइन और कार्यान्वयन में धार्मिक विद्वानों, कलाकारों, और हिन्दू चित्रकला के विशेषज्ञों के साथ परामर्श होने की संभावना है ताकि भगवान राम की सटीक और आदरणीय रूपरेखा हो। रामलला मूर्ति के स्थान को यात्रा का एक केंद्र बनने की उम्मीद है, जिससे देश भर और बाहर से भक्तों को आकर्षित करेगा। मूर्ति की उपस्थिति का उद्देश्य भक्तों और दैवी के बीच एक श्रद्धांजलि और भक्ति की भावना को प्रेरित करना है। हिन्दुओं के लिए, राम मंदिर केवल एक धार्मिक स्थल ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक पहचान और ऐतिहासिक पुनर्स्थापन का प्रतीक भी है।
Ramlala Pran Pratistha: मूर्ति की विशेषता
राम लला की प्रतिमा के बारे में-प्रतिमा 4.24 फीट ऊंची है.प्रतिमा 3 फीट चौड़ी है.प्रतिमा का वजन लगभग 200 किलोग्राम है. राम लला का श्यामल रूप भगवान राम लाला की प्रतिमा को उनके बाल रूप में निर्मित किया गया है. पांच साल के बाल रूप में राम लला दिखाई देते हैं और उनके कोमल चरणों को पत्थर से बने कमल पर देखा जा सकता है. मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के बाद भगवान राम कमल पर विराजमान होकर अपने भक्तों को आशीर्वाद देंगे.
वॉल पेंटिंग
राज्य ललित कला अकादमी उत्तर प्रदेश की निदेशक हैं डॉ. श्रद्धा शुक्ला जिन्होंने जानकारी दी है कि अयोध्या धाम के महर्षि वाल्मीकि अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के पास सीआरपीएफ की दीवार पर करीब तीन हजार वर्गफीट के क्षेत्र में कलाकारों द्वारा वॉल पेंटिंग की जा रही है. करीब 1500 वर्गफीट अयोध्या कलेक्ट्रेट भवन की दीवार पर इसके साथ ही राम की पैड़ी मार्ग पर स्थित सिंचाई विभाग के भवन की दीवार पर करीब 1200 वर्गफीट के क्षेत्र में वॉल पेंटिंग की जा रही है. प्रदेश के विभिन्न जिले आए करीब 40 कलाकारों द्वारा वॉल पेंटिंग करवाई जा रही है.
Ramlala Pran Pratistha:रामलला प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम कुछ ऐसा रहेगा
22 जनवरी को दोपहर 12 बजकर 20 मिनट से रामलला की प्राण प्रतिष्ठा (Pran Pratisha Full Program Details) शुरू होगी और करीब 1 बजे तक पूरी हो जाएगी। काशी के विद्वान पंडित वैदिक विधि से प्राण प्रतिष्ठा कराएंगे। वहीं राममंदिर के ट्रस्टी अनिल मिश्रा अपनी पत्नी के साथ मुख्य रूप से यजमानी करेंगे। जबकि पीएम मोदी प्रतीकात्मक यजमान होंगे। जिसके लिए पीएम मोदी भी प्राण प्रतिष्ठा नियमों का पालन कर रहे हैं। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने जानकारी दी है कि, प्राण प्रतिष्ठा के बाद सभी महानुभाव, प्रधानमंत्री, डॉ. मोहन भागवत और मुख्यमंत्री अपने मनोभाव प्रकट करेंगे। जबकि 23 जनवरी की सुबह से देश-दुनिया के सभी के लिए राम मंदिर खुल जाएगा। लोग अयोध्या आकर भगवान राम के दर्शन कर सकते हैं।
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